पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर आतंकी हमले के दो साल बाद इंटरपोल ने जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और उसके तीन रिश्तेदारों के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया है. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी.
इंटरपोल की तरफ से रेड नोटिस जारी करने के बाद इस मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को उम्मीद है कि पाकिस्तान में अब अधिकारी इस सम्मान करेंगे और आतंकी मास्टरमाइंड के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक इंटरपोल की तरफ से जारी रेड नोटिस में मसूद अजहर के अलावा उसके भाइयों अब्दुल रऊफ असगर और इब्राहिम अतहर और उसके चचेरे भाई अम्मार अल्वी का नाम है.
इंटरपोल का रेड नोटिस ऐसे समय में आया है, जब फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने ऑनलाइन बैठकों की एक सीरीज शुरू की है जो पाकिस्तान के कार्यों की समीक्षा करेगी. 22 से 25 फरवरी के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें पाकिस्तान पर आखिरी फैसला लिया जाएगी. पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में है.
साल 2001 में संसद और 2016 में पठानकोट एयर बेस पर हुए हमले के लिए भी अजहर और रऊफ के खिलाफ इंटरपोल रेड नोटिस जारी कर चुका है. 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC-814 को अपहरण करने के लिए भी रऊफ के खिलाफ इंटरपोल का एक और रेड नोटिस है.
एक आतंकवाद निरोधी अधिकारी ने कहा कि अजहर और उसका भाई सैकड़ों निर्दोष लोगों की हत्या के बावजूद पाकिस्तान में खुले रूप से रहते हैं, वे विश्व स्तर पर नामित वांछित आतंकवादी हैं. साथ ही कहा कि उनके खिलाफ तीन से चार इंटरपोल रेड नोटिस हैं और इसलिए पाकिस्तान को उन्हें गिरफ्तार कर भारत को सौंपना चाहिए.
एफएटीएफ के दबाव में पाकिस्तान ने पिछले महीने अजहर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था और आधिकारिक तौर पर पहली बार अपने क्षेत्र में उसकी मौजूदगी को स्वीकार भी किया था. वहीं भारत की तरफ से बड़े पैमाने पर सबूत साझा करने के बावजूद पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर पर आंतकी कानूनों के तहत आरोप नहीं लगाए गए.